Dhadhor

.ढढोर::- [1] ढढोर}} गोत्रीय यदुवंशी क्ष॰तिः द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण महाराज क्रे ऌ वराज वज्रनाभ के वंशज माने जाते हैं ।

[2] ढढोर अहीरों]] का निकास मूलतः राजस्ढन स्थढ ार " क्षेत्र से हुआ जयपुर, धौलपुर, कआ।इ कर।ल ाका आज भी ढुंढार कहलाता है और आज भुकआ इ९ ास इस गोत्र के ठिकाने आबाद हैं । इस गोत्र के रणबंको ने मुहम्मद गौरॿल क। ुद्ध में अन्य यदुवंशी गोत्रों के सलप सरत ्वीराज चौहान को सैन्य सहायता दी थी। मुस्लिम आक्रमण के दौर में [[ढढोर]] एवय एवन 4 वंशी गोत्र] राजस्थान से विस्थापिइ न। न। में से कुछ मध्यप्रदेश में जा बसे औरढ औऋढ ीय]] अहीर यूपी के कानपुर रुकते हुए पंइलंव छोटी छोटी जागीरें स्थापित कर आबाद हुए ।


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Kultur

Lorikayan sjungs av Dhadhor Ahirs på Bhojpuri och Awadhi dialekt, det är en folksång av veer rasa där händelser från Lorik liv beskrivs.

Se även

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